8.4.23 |
वमोर्वा | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.23 |
8.4.24 |
अन्तरदेशे | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.24 |
8.4.25 |
अयनं च | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.25 |
8.4.26 |
छन्दस्यृदवग्रहात् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.26 |
8.4.27 |
नश्च धातुस्थोरुषुभ्यः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.27 |
8.4.28 |
उपसर्गाद् बहुलम् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.28 |
8.4.29 |
कृत्यचः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.29 |
8.4.3 |
पूर्वपदात् संज्ञायामगः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.3 |
8.4.30 |
णेर्विभाषा | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.30 |
8.4.31 |
हलश्च इजुपधात् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.31 |
8.4.32 |
इजादेः सनुमः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.32 |
8.4.33 |
वा निंसनिक्षनिन्दाम् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.33 |
8.4.34 |
न भाभूपूकमिगमिप्यायीवेपाम् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.34 |
8.4.35 |
षात् पदान्तात् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.35 |
8.4.36 |
नशेः षान्तस्य | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.4.36 |