8.3.59 |
आदेशप्रत्यययोः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.59 |
8.3.6 |
पुमः खय्यम्परे | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.6 |
8.3.60 |
शासिवसिघसीनां च | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.60 |
8.3.61 |
स्तौतिण्योरेव षण्यभ्यासात् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.61 |
8.3.62 |
सः स्विदिस्वदिसहीनां च | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.62 |
8.3.63 |
प्राक्सितादड्व्यवायेऽपि | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.63 |
8.3.64 |
स्थाऽऽदिष्वभ्यासेन चाभ्यासस्य | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.64 |
8.3.65 |
उपसर्गात् सुनोतिसुवतिस्यतिस्तौतिस्तोभतिस्थासेनयसेधसिचसञ्जस्वञ्जाम् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.65 |
8.3.66 |
सदिरप्रतेः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.66 |
8.3.67 |
स्तन्भेः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.67 |
8.3.68 |
अवाच्चालम्बनाविदूर्ययोः | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.68 |
8.3.69 |
वेश्च स्वनो भोजने | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.69 |
8.3.7 |
नश्छव्यप्रशान् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.7 |
8.3.70 |
परिनिविभ्यः सेवसितसयसिवुसहसुट्स्तुस्वञ्जाम् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.70 |
8.3.71 |
सिवादीनां वाऽड्व्यवायेऽपि | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/8.3.71 |