1.2.64 |
सरूपाणामेकशेष एकविभक्तौ | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.64 |
1.2.65 |
वृद्धो यूना तल्लक्षणश्चेदेव विशेषः | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.65 |
1.2.66 |
स्त्री पुंवच्च | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.66 |
1.2.67 |
पुमान् स्त्रिया | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.67 |
1.2.68 |
भ्रातृपुत्रौ स्वसृदुहितृभ्याम् | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.68 |
1.2.69 |
नपुंसकमनपुंसकेनैकवच्चास्यान्यतरस्याम् | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.69 |
1.2.7 |
मृडमृदगुधकुषक्लिशवदवसः क्त्वा | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.7 |
1.2.70 |
पिता मात्रा | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.70 |
1.2.71 |
श्वशुरः श्वश्र्वा | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.71 |
1.2.72 |
त्यदादीनि सर्वैर्नित्यम् | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.72 |
1.2.73 |
ग्राम्यपशुसंघेषु अतरुणेषु स्त्री | |
विधिः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.73 |
1.2.8 |
रुदविदमुषग्रहिस्वपिप्रच्छः सँश्च | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.8 |
1.2.9 |
इको झल् | |
अतिदेशः |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.2.9 |
1.3.1 |
भूवादयो धातवः | |
संज्ञा |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.3.1 |
1.3.10 |
यथासंख्यमनुदेशः समानाम् | |
परिभाषा |
https://ashtadhyayi.com/sutraani/1.3.10 |